हिन्दी दिवस प्रतियोगिता - थी बेमिसाल ज़िंदगी अब्दुल कलाम की02-Sep-2022
थी बेमिसाल जिंदगी
दुनिया में छाई रोशनी अब्दुल कलाम की l
थी बेमिसाल जिंदगी अब्दुल कलाम की l
1
विज्ञान का तज़ुर्बा बड़ा लाजवाब था l
वो गुलसिताने हिंद का सानी गुलाब था l
किस्मत बड़ी बुलंद थी, अब्दुल कलाम की l
2
सियासत में भी आपका आला मकाम था l
चैनो-अमन के वास्ते दुनिया में नाम था ,
थी मुफलिसों से दोस्ती अब्दुल कलाम की l
3
सारे ही मज़हबों से मुहब्बत थी आपको l
फितनागरों से वाकई नफरत थी आपको l
अज़मत जहां ने देख ली अब्दुल कलाम की l
4
हिन्दोस्तां के लाडले आला हुज़ूर थे l
इंसानियत पसंद थे आंखों के नूर थे l
न ‘दीप’ याद जाएगी अब्दुल कलाम की ।
#हिन्दी दिवस प्रतियोगिता
© रचनाकार
डॉ. दीप्ति गौड़ दीप
शिक्षाविद् एवम् कवयित्री
ग्वालियर मध्यप्रदेश
सर्वांगीण दक्षता हेतू राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली की ओर से भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति महामहिम स्व. डॉ. शंकर दयाल शर्मा स्मृति स्वर्ण पदक,विशिष्ट प्रतिभा सम्पन्न शिक्षक के रूप में राज्यपाल अवार्ड से सम्मानित l
#हिन्दी दिवस प्रतियोगिता
Suryansh
16-Sep-2022 08:31 PM
बहुत ही सुंदर कविता
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
04-Sep-2022 11:13 PM
उम्दा लिखा है Superr से भी बहुत बहुत uperr
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Seema Priyadarshini sahay
03-Sep-2022 02:14 PM
बेहतरीन
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